फ्रांस और भारत में टैक्स रेज़िडेंसी: यूरोप में बसे भारतीयों के लिए जरूरी जानकारी

“क्या मैं फ्रांस में टैक्स रेज़िडेंट हूँ?”
“क्या मुझे भारत में अपनी कमाई भी घोषित करनी है?”
“अगर मैं जर्मनी में रहता हूँ लेकिन फ्रांस में काम करता हूँ तो क्या होगा?”

ऐसे कई सवाल हमसे रोज़ पूछे जाते हैं — खासकर उन भारतीय छात्रों, पेशेवरों और परिवारों द्वारा जो हाल ही में यूरोप आए हैं। दुर्भाग्यवश, कई लोगों को इसका जवाब तब मिलता है जब उन्हें कोई लीगल नोटिस आता है या अनजाने में भारी टैक्स भरना पड़ता है।

ल’एसोसिएशन फ्रेहिंदी में हमारा लक्ष्य है कि हम फ्रांस और पूरे यूरोपीय संघ में बसे भारतीय और दक्षिण एशियाई प्रवासी समुदाय को सही, व्यावहारिक और समय पर जानकारी दें।
आज हम एक बेहद ज़रूरी और अक्सर गलत समझे जाने वाले विषय पर बात कर रहे हैं:
टैक्स रेज़िडेंसी — और भारत और फ्रांस (यूरोप) में इसकी व्यवस्था कैसे अलग है।

 

टैक्स रेज़िडेंसी क्यों महत्वपूर्ण है?

 

आपका टैक्स रेज़िडेंसी स्टेटस यह तय करता है कि आपको कहां और कैसे टैक्स भरना है।
अगर आप फ्रांस के टैक्स रेज़िडेंट माने जाते हैं, तो आपको दुनिया भर की कमाई (भारत में भी जो कमाया है) को फ्रांस में घोषित करना होगा।
अगर आप नॉन-रेज़िडेंट हैं, तो केवल फ्रांस से हुई कमाई पर टैक्स देना होगा।

आज के समय में यह समझना इसलिए और भी जरूरी है क्योंकि:

  • बड़ी संख्या में भारतीय छात्र VLS-TS स्टूडेंट वीज़ा पर फ्रांस आ रहे हैं

  • टेक प्रोफेशनल्स पासपोर्ट टैलेंट वीज़ा पर आ रहे हैं

  • कई लोग व्यवसाय, रिसर्च या अपने परिवार के साथ रहने के लिए आ रहे हैं

अक्सर लोग यह नहीं जानते कि सिर्फ 183 दिनों से ज़्यादा रुकने या फ्रांस में स्थाई रूप से रहने की मंशा ही आपको टैक्स रेज़िडेंट बना सकती है — और आपकी ज़िम्मेदारी पहले दिन से शुरू हो जाती है।

 

फ्रांस (EU) में टैक्स रेज़िडेंसी के मुख्य नियम

 

फ्रांस के टैक्स कानून के अनुसार, यदि नीचे दिए गए किसी एक बिंदु में आप फिट बैठते हैं, तो आप टैक्स रेज़िडेंट माने जाएंगे:

  1. आपका परिवार (Foyer) फ्रांस में है
    अगर आपके पति/पत्नी या बच्चे फ्रांस में रहते हैं, भले ही आप काम के लिए बाहर हों — आप टैक्स रेज़िडेंट माने जाएंगे।

  2. आप साल में 183 दिन से अधिक फ्रांस में रहते हैं
    तो फ्रांस आपकी प्राथमिक निवास जगह मानी जाएगी।

  3. आपका मुख्य पेशेवर कार्य फ्रांस में है
    अगर आपकी नौकरी या बिजनेस का मुख्य हिस्सा फ्रांस में है, तो आप टैक्स रेज़िडेंट हैं।

  4. आपकी आर्थिक गतिविधियाँ फ्रांस में केंद्रित हैं
    जैसे आपकी कमाई, निवेश या व्यवसाय फ्रांस में है।

वास्तविक उदाहरण:

 

रवि, पुणे का 24 वर्षीय छात्र, सितंबर 2024 में VLS-TS स्टूडेंट वीज़ा पर पेरिस आया। उसे लगा कि उसका €500/माह का पार्ट-टाइम काम टैक्स के दायरे में नहीं आता।

लेकिन:

  • वह पहले दिन से ही फ्रांस का टैक्स रेज़िडेंट बन चुका था

  • उसे मई 2025 में टैक्स रिटर्न भरना चाहिए था

  • उसे भारत में अपने बैंक के ब्याज और किराए की आमदनी भी घोषित करनी चाहिए थी

रवि ने ल’एसोसिएशन फ्रेहिंदी से संपर्क किया और हमने उसकी मदद की, उसकी स्थिति नियमित करवाई और भारत-फ्रांस डबल टैक्स समझौते (DTAA) के अंतर्गत राहत दिलवाई।

 

भारत में टैक्स रेज़िडेंसी – क्या फर्क है?

 

भारत में टैक्स रेज़िडेंसी का निर्धारण आपकी शारीरिक उपस्थिति (physical presence) पर होता है, न कि परिवार या कार्यस्थान के आधार पर।

आप भारत में टैक्स रेज़िडेंट माने जाते हैं अगर:

  • आप एक वित्तीय वर्ष (अप्रैल–मार्च) में 182 दिन या अधिक भारत में रहते हैं, या

  • आप इस वर्ष 60 दिन और पिछले 4 वर्षों में कुल 365 दिन या अधिक भारत में रहे हों

अगर आप इन मापदंडों में नहीं आते, तो आप नॉन-रेज़िडेंट माने जाएंगे और आपको सिर्फ भारत में हुई कमाई पर टैक्स देना होगा।

 

अगर आप दोनों देशों के टैक्स रेज़िडेंट हैं?

 

यह संभव है कि आप फ्रांस और भारत दोनों में टैक्स रेज़िडेंट हों। जैसे:

प्रिया, दिल्ली की एक डाटा साइंटिस्ट, एक भारतीय कंपनी के लिए रिमोटली काम करती हैं लेकिन अपने पति के साथ ल्यों (फ्रांस) में रहती हैं। वह भारत काम के सिलसिले में जाती रहती हैं। ऐसे में वो दोनों देशों में टैक्स रेज़िडेंट हो सकती हैं।

ऐसे मामलों में डबल टैक्सेशन अवॉइडेंस एग्रीमेंट (DTAA) काम आता है। इसमें निम्नलिखित आधार तय करते हैं कि कहां टैक्स देना होगा:

  1. स्थाई निवास कहां है?

  2. कौन से देश में आपके व्यक्तिगत और आर्थिक संबंध सबसे मज़बूत हैं?

  3. आप अधिक समय कहां बिताते हैं?

  4. यदि ऊपर से भी निर्णय न हो पाए, तो आपकी राष्ट्रीयता (Nationality) देखी जाती है।

भारत और फ्रांस के बीच DTAA है जो दोहरे टैक्स से राहत दिलाता है।

 

भारतीय प्रवासियों को क्या करना चाहिए?

 

ल’एसोसिएशन फ्रेहिंदी में हम अक्सर ऐसे छात्रों और परिवारों की मदद करते हैं जो जानकारी के अभाव या भाषा की समस्या के कारण मुश्किल में फंस जाते हैं। आप ये कदम ज़रूर उठाएँ:

✅ अपने वीज़ा को समझें – यह आपकी टैक्स स्थिति को प्रभावित करता है
✅ भारत और फ्रांस में बिताए गए दिनों की सही गिनती रखें
✅ अगर आप टैक्स रेज़िडेंट हैं, तो अपनी सभी ग्लोबल इनकम घोषित करें
✅ किसी विशेषज्ञ या हमारी संस्था से सलाह लें — दोहरे टैक्स से बच सकते हैं
✅ टैक्स समय पर भरें – फ्रांस में टैक्स रिटर्न की डेडलाइन आमतौर पर मई/जून में होती है
✅ भारत में हुई आय और टैक्स भुगतान के दस्तावेज़ रखें ताकि DTAA के तहत राहत मिल सके

 

ल’एसोसिएशन फ्रेहिंदी आपकी कैसे मदद कर सकता है?

आप चाहे:

  • टैक्स नियमों को लेकर उलझन में एक छात्र हों

  • पहली बार टैक्स रिटर्न भरने वाले नौकरीपेशा हों

  • फ्रांस में आकर बसने वाला कोई परिवार हों

  • NRI जो भारत और फ्रांस दोनों में काम कर रहे हों

हम आपकी मदद के लिए यहां हैं। हम भारतीय दूतावास, पेरिस के संरक्षण में काम करते हैं और पूरे यूरोपीय संघ में स्थित भारतीय दूतावासों से मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे समुदाय को सही और भरोसेमंद जानकारी मिले।

 

अंतिम बात

 

आपका टैक्स रेज़िडेंसी स्टेटस जानना सिर्फ सरकारी कागज़ी काम नहीं है — यह आपके वित्तीय भविष्य की सुरक्षा का एक अहम हिस्सा है।
सही जानकारी और मार्गदर्शन के साथ, आप बड़ी गलतियों से बच सकते हैं और आत्मविश्वास के साथ अपना टैक्स प्रबंधन कर सकते हैं।

अगर आप अपनी टैक्स स्थिति को लेकर उलझन में हैं, या दस्तावेज़ी प्रक्रिया से घबराए हुए हैं — तो विलंब न करें।
ल’एसोसिएशन फ्रेहिंदी से संपर्क करें। हम आपके फ्रांस और यूरोप में बसने को न सिर्फ आसान, बल्कि सुरक्षित और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

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सादर शुभकामनाएँ,
हारू मेहरा
अध्यक्ष,
L’Association Frehindi
(1901 के कानून के अंतर्गत स्थापित एक गैर-लाभकारी संस्था)

📧 haru@frehindi.com | 🌍 www.frehindi.org | 📞 +33 6 27 92 43 98

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